Adi shankaracharya books pdf in english
शंकराचार्य का अद्वैत दर्शन book pdf
Adi shankaracharya books in marathi pdf...
आदि शंकराचार्य
यह लेख दार्शनिक आदि शंकराचार्य (शंकर नाथ ) के बारे में है। हिन्दू धर्म के धर्मगुरु पद के लिए, शंकराचार्य देखें।
| शिवावतार भगवान श्रीमद् आदि शंकराचार्य | |
|---|---|
शिष्यों के मध्य में जगदगुरु आदि शंकराचार्य, राजा रवि वर्मा द्वारा (1904) में चित्रित | |
| जन्म | योगी शंकरनाथ लगभग 700 ई॰[note 1] लगभग 750 ई॰[note 1] |
| मृत्यु | केदारनाथ, पाल साम्राज्य वर्तमान में उत्तराखण्ड, भारत |
| गुरु/शिक्षक | योगी गोविन्द नाथ |
| खिताब/सम्मान | शिवावतार, शंकराचार्य योगी, आदिगुरु, श्रीमज्जगदगुरु, धर्मचक्रप्रवर्तक, यतिचक्र चुरामणि, धर्मसम्राट, भगवान |
| कथन | अहं ब्रह्मास्मि, प्रज्ञानं ब्रह्म, तत्त्वमसि, ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या |
| धर्म | हिन्दू |
| दर्शन | अद्वैत वेदान्त, नाथ संप्रदाय का साहित्य |
| राष्ट्रीयता | भारतीय |
आदि शंकर (संस्कृत: आदिशङ्कराचार्यः) भारत के एक महान दार्शनिक एवं धर्मप्रवर्तक और योगी थे। उन्होने अद्वैत वेदान्त को ठोस आधार प्रदान किया। भगवद्गीता, उपनिषदों और वेदांतसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं। उन्होंने सांख्य दर्शन का प्रधानकारणवा